Syed Ali Shah Geelani kaun haiSyed Ali Shah Geelani kaun hai

Syed Ali Shah Geelani kaun hai: हुर्रियत के अलगाववादी नेता और जम्मू कश्मीर में लंबे समय तक अलगाववाद की लड़ाई लड़ने वाले नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया। सैयद अली शाह गिलानी हमेसा से ही पाकिस्तान के समर्थक रहे। वे हमेशा से ही कश्मीर की आजादी के नाम पर पाकिस्तान का समर्थन करते थे। गिलानी को पाकिस्तान अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज चुका है।आज हम जानेंगे की कश्मीरी अलगाववादी नेता Syed Ali Shah Geelani Biography in hindi जिसकी मौत पर पाकिस्तान में मातम पसरा हुआ है।

 

Syed Ali Shah Geelani kaun hai?

कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी कौन है ?

सैय्यद अली शाह गिलानी एक कश्मीरी अलगाववादी हुर्रियत नेता थे। जो मौजूदा भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए हमेशा भारत सरकार से लड़ते रहे। सैय्यद अली शाह गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर का सदस्य थे। लेकिन आगे चलकर गिलानी ने तहरीक-ए-हुर्रियत के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना की। गीलानी का ताल्लुक़ बारामूला ज़िले के क़स्बे सोपोर से था।

सैयद अली शाह गिलानी हमेशा भारत में रहे और सरकार पैसो और सुरक्षा के बीच जिए। और उनकी मृत्यु भी भारत में ही हुई लेकिन वे कभी भारत को अपना नहीं माना। कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी अपने आपको भारतीय नहीं कहते थे और हमेशा पाकिस्तान की तरफदारी करते रहे।

 

Syed Ali Shah Geelani Biography in hindi

जानिए कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की पूरी जीवनी:

अली शाह गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 में मौजूदा जम्मू कश्मीर राज्य के सोपोर जनपद के दुरु गांव में हुआ था।

पूरा नाम हिंदी असैय्यद अली शाह गिलानी
पूरा नाम उर्दू سید علی شاہ گیلانی
जन्म 29 सितम्बर 1929
जन्म स्थान दुरु, सोपोर, बारामूला, कश्मीर, भारत
मृत्यु 1 सितम्बर 2021 (उम्र 91)
राष्ट्रीयता भारतीय (लेकिन कभी माना नहीं)
राजनैतिक पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत , हुर्रियत काँफ़्रेंस
जीवन साथी जवाहिरा बेगम
बच्चे 6
संबद्धता इस्लाम धर्म
पुरस्कार निशान-ए-पाकिस्तान (२०२०)

 

 

Syed Ali Shah Geelani Education

गिलानी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जम्मू-कश्मीर के सोपोर में ही प्राप्त की। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिये वे लाहौर चले गये। अपनी उच्च शिक्षा उन्होंने कुरान और् धर्मशास्त्र ने की। अपनी पढाई पूरी करने के बाद वे कश्मीर लौट आये और यहाँ उन्होंने एक अध्यापक की नौकरी सुरु की। अपनी नौकरी के दौरान ही वे सोपोर में जमात ए इस्लामी के प्रमुख कार्यकर्ता भी बन गये।

 

Syed Ali Shah Geelani Family

  • कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी अपनी पत्नी जवाहिरा बेगम के साथ हैदरपोरा श्रीनगर, कश्मीर में रहते हैं।
  • सैयद अली शाह गिलानी के छह बच्चे हैं
  • दो बेटे जिनका नाम नईम और नसीम है।
  • चार बेटियां जिनका नाम अनीशा, फरहत जबीन, ज़मशीदा और चमशिदा है।
  • अनीशा और फरहत सैयद अली शाह गिलानी की दूसरी शादी से हुई बेटियां हैं।
  • गिलानी के बेटे नईम और उनकी पत्नी दोनों ही रावलपिंडी पाकिस्तान डॉक्टर थे।
  • इनका का छोटा बेटा नसीम श्रीनगर में एक कृषि विश्वविद्यालय में काम करता है।
  • इनके पोते इज़हार भारत में एक निजी एयरलाइन में चालक दल के सदस्य हैं।
  • इनकी एक बेटी जिसका नाम फरहत है सऊदी अरब के जेद्दा में एक शिक्षक है और वही उसका पति एक इंजीनियर है।
  • सैयद अली शाह गिलानी के दूसरे पोते भी यहाँ भारत के बड़े स्कूलों में पढाई कर रहे हैं।
  • गिलानी के भाई गुलाम नबी फई वर्तमान में लंदन में हैं।
  • गिलानी के एक दामाद कश्मीरी अलगाववादी अल्ताफ अहमद शाह एक पत्रकार है जिसने इससे पहले 2014 से भारत के कई बड़े मिडिया हाउस के साथ काम किया।

 

सैयद अली शाह गिलानी का राजनैतिक जीवन

सैयद अली शाह गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर का एक सदस्य था। लेकिन बाद में चलकर उसने एक तहरीक-ए-हुर्रियत नाम से अपनी पार्टी की बनाई जिसका मुख्या उद्देश्य अलगाववाद था। गिलानी ने जम्मू और कश्मीर में सक्रीय सभी अलगाववादी दलों के समूहों को एक करके ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

अपने राजनैतिक जीवन में गिलानी जम्मू और कश्मीर के सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। वे पहली बार 1972 में जम्मू-कश्मीर बिधानसभा में पहुंचे। और फिर 1977 और 1987 में भी विधायक रहे। वो कश्मीर में खासकर मुस्लिम समुदाय में काफी लोकप्रिय रहे। आपको बता दें की गीलानी ने अपना राजनीतिक जीवन 1950 में शुरु किया था। आतंकवादी गतिविधिओं में लिप्त होने और घाटी में माहौल बिगड़ने के आरोपों में गिलानी ने लगभग एक दशक से भी अधिक जीवन काल जेल में व्यतीत किया।

 

सैयद अली शाह गिलानी का पकिस्तान कनेक्शन

आपको बता दे की कश्मीरी अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, क्रिकेटर से लेकर आम जमता ने भी शोक जाहिर किया है। पाकिस्तान ने तो गिलानी की मऔर पर एक दिन के राजकीय शोक का भी ऐलान कर दिया है। भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद से ही गिलानी और हुर्रियत के कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ NIA की जांच चल रही है। आतंकवादी गतिबिधिओं में संलिप्तता के चलते गिलानी लगभग एक दशक से भी ज्यादा समय से अपने ही घर में नजरबंद थे।

 

गिलानी जिसकी मौत पर पाकिस्तान में पसरा मातम

गिलानी का पकिस्तान से कितना गहरा रिश्ता था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की गिलानी के निधन पर पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शोक व्यक्त करते हुए एक दिन के राष्ट्रिय शोक का ऐलान किया है। पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तान में एक दिन का शोक रहेगा और पाकिस्तानी झंडे को आधा झुका दिया जाएगा।

 

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