Partition Horrors Remembrance DayPartition Horrors Remembrance Day

Partition Horrors Remembrance Day: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के एक दिन पहले 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का ऐलान करते हुए भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दर्द को याद किया। PM Modi ने कहा कि हमारे देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

PM Narendra Mod ने कहा की नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों भाइयों और बहनों को अपने देश से विस्थापित होना पड़ा था तथा अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट कर कहा, बंटवारे में विस्थापित होने वाले और जान गंवाने वाले हमारे लाखों बहनों और भाइयों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ (Partition Horrors Remembrance Day) के तौर पर भारत सरकार द्वारा मनाने का फैसला किया गया है।

 

Partition Horrors Remembrance Day

क्या है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस ?

भारत सरकार ने भारत पाकिस्तान के बटवारे के दर्द को याद करते हुए हर 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मानाने का फैसला किया है। आपको बता दे की आज ही के दिन भारत और पकिस्तान का आधिकारिक रूप से बटवारा हुआ था। इसीलिए 14 अगस्त को पकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’, के मौके पर ट्वीट करते हुए लिखा कि यह दिन हमें सामाजिक विभाजन, असामंजस्यता के जहर को दूर करने और एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की भावना को और मजबूत करने की आवश्यकता की याद दिलाता रहेगा। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को अंग्रेजी भाषा में Partition Horrors Remembrance Day कहा जाता है।

 

14 अगस्त को हुए थे देश के दो टुकड़े

देश के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख का एक काला इतिहास है। इसी दिन हमारे देश का विभाजन हुआ था और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान बना। अंग्रेजो और देश के सत्ता के लालची नेताओं ने 15 अगस्त 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया था। इस बटवारे में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किए गए बल्कि बंगाल का भी विभाजन कर दिया गया। आपको बता दें की बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से काटकर कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया जो 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना।

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

 

देश को बंटवारे की भारी कीमत चुकानी पड़ी

हमारे देश को आजादी तो 15 अगस्त 1947 के दिन मिली। लेकिन अंग्रेजी सत्ता और देश के कुछ सत्ता के लालचियों ने आजादी की खुशियां में विध्न डाल दिया जिससे हमें आजादी की बहुत बड़ी कीमत बंटवारे के रूप में चुकानी पड़ी। हमारे देश को 14 अगस्त के दिन भारत और पाकिस्तान नाम के दो हिस्सों मेंबाँट दिया गया।

जब पूरा देश आजादी के जश्न की तैयारी में था उसी समय 15 अगस्त की सुबह ट्रेनों, घोड़े, खच्चर और पैदल देश के कुछ लोग अपनी मातृभूमि से दूसरे देश जा रहे थे। कल तक जो देश अपना था आज पराया हो चूका था। जो लोग पाकिस्तान से हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से पाकिस्तान आ जा रहे थे उनके चेहरों से रंग गायब थे। उन्हें तो बस अपनी जान की परवाह थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बंटवारे के दौरान भड़के दंगे और मजहबी हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गई। कई रिपोर्टो का तो ये भी दावा है की इन दंगों में मरने वालों की संख्‍या 10 लाख से 20 लाख तक थी। आपको बता दे की बटवारे के दौरान हुए इस दंगे ने किसी को भी नहीं बख्‍शा। लाखो महिलाये, बच्‍चे और बूढ़े इस बटवारे के दौरान हुई हिंसा की भेंट चढ़ गए।

 

क्यों मनाया जाता है विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस ?

Why is Partition Horror Memorial Day celebrated?

Partition Horrors Remembrance Day यानि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मनाये जाने का प्रमुख कारण एक दूसरे से भेदभाव, वैमनस्य और एक दूसरे के प्रति दुर्भावना के जहर को खत्म करना है। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस से एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी और हमें ये याद रहेगा की हमने एक दूसरे से लड़कर क्या खोया।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: भुलाया नहीं जा सकता बंटवारे का दर्द, 14 अगस्त को मनाया जाएगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा लिखा, “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है.

प्रधानमंत्री ने आगे लिखा की Partition Horrors Remembrance Day का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी.”

 

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