double standard of Taliban's Islamdouble standard of Taliban's Islam

double standard of Taliban’s Islam: तालिबान का इस समय पूरे अफगानिस्तान पर कब्ज़ा हो चूका है। उसने सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है। सरकार गठन के दिन के लिए तालिबान ने 6 देशों तुर्की, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्‍तान और कतर को न्‍योता भेजा है। तालिबान ने वह कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा की वह कश्मीरी मुसलमानो के लिए आवाज उठाएगा। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन के कश्मीर वाले बयान पर अब दुनियाभर में सवाल उठने लगे कि आखिर तालिबान अब तक उइगर मुस्लिमों के हालात पर चुप क्यों है? क्या उइगर प्रताड़ित मुस्लिम समुदाय नहीं है

 

double standard of Taliban’s Islam

अब सवाल ये उठता है की यह कट्टर इस्लामिक संगठन अब तक उइगर मुस्लिमों के हालात पर चुप क्यों है? क्या चीन के प्रताड़ित उइगर मुस्लिम समुदाय नहीं है? क्या तालिबान को चीन के शिनजियांग प्रांत में बने डिटेंशन कैंप्स में जारी मानवाधिकार उल्लंघन दिखाई नहीं दे रहा है।

 

तालिबान का कश्मीर प्रेम

तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया कानून के आधार पर इस्लामिक सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है। सरकार बनाने के ऐलान के साथ ही तालिबान ने कश्मीर पर भी अपनी बयानबाजी तेज कर दी है। तालिबान भले ही अपना बदला चेहरा दुनिया के सामने पेश करने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसके प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कश्मीरी मुसलमानो पर एक मुस्लिम होने के नाते अपना हक बताया है। अब तालिबान को कौन समझाये की ये अफगानिस्तान या पकिस्तान नहीं है ये भारत है और यहाँ उसे मुँह की खानी पड़ेगी।

 

चीन द्वारा उइगर मुसलमानो पर जुल्म पर तालिबान की चुप्पी

कश्मीर पर बोलने का हक वाले तालिबान के बयान पर लोग याद दिलाने लगे हैं कि चीन में दशकों से सताए जा रहे उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है कभी उसपर भी बोलो। आपको बता दें कि चीन ने तालिबान से ये वादा किया है की वो अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को आर्थिक मदद पहुचायेगा। इसीलिए तालिबान को उइगर मुसलमानो का दर्द नहीं दिखता और उसे उनमे मुसलमान नजर नहीं आता।

 

क्या उइगर मुसलमान नहीं?

तालिबान ही नहीं बल्कि उसका दोस्त पाकिस्तान भी उइगर मुसलमानो पर चीन द्वारा किये जा रहे जुल्म पर अपनी आंखें बंद कर लेता है। क्योकि पकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों देश ही चीन के रहमो करम पर चलते है। ऐसे में उन्हें चीन के मुसलमानो पर हो रहे जुल्म कैसे दिखाई दे। अब सवाल ये उठता है की अगर तालिबान को कश्मीर पर बोलने का हक है तो चीन के उइगर मुसलमानो पर चुप्पी क्यों? आखिर ये कैसा है तालिबान का मुस्लिम प्रेम।

 

मुस्लिम देशो ने किया चीन के हाथों उइगर मुसलमानों का सौदा?

सच कहो तो तालिबान, पाकिस्तान, तुर्की सहित लगभग सभी इस्लामिक देशों ने उइगर मुसलमानों का चीन के हाथो सौदा कर लिया है। इसलिए चीन चाहे कितना भी इनपर जुल्म करले ये इस्लामिक और अपने आपको इस्लाम का रक्षक बताने वाले देश कुछ नही बोल सकते क्योंकि उनका दाना पानी चीन के दिए पैसे से चलता है। पाकिस्तान और अरब देशों की चुप्पी के बाउजुद भारत इन घटनाओं की हमेशा से ही निंदा करता आया है।

चीन द्वारा उइगर मुसलमानो पर जुल्म पर तालिबान की चुप्पी
चीन द्वारा उइगर मुसलमानो पर जुल्म पर तालिबान की चुप्पी

 

उइगर मुसलमानों पर जुल्म की जानकारी

  • 18 लाख से अधिक उइगर मुसलमान कैद है,
  • इस साल 613 इमाम गायब कर दिए गए,
  • मृतकों को इस्लामिक तरीके से दफनाने की मनाही,
  • महिलाओं का रेप करके जबरन गर्भ-निरोधन सहित अनेक दिल विचलित कर देने वाली प्रताड़नाएं दी जाती है।

 

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया कहा आप हमारे मुस्लिमों की चिंता न करें

तालिबानी प्रवक्ता शाहीन के कश्मीर पर बोलने का हक वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि तालिबान भारत के मुस्लिमों की चिंता न करें। क्योंकि यहां भारत में मस्जिद जाने वालों पर गोलियां और बम नहीं बरसाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक संबैधानिक देश है और यहाँ सिर्फ संविधान का पालन किया जाता है। हमारे यहाँ लड़कियों को स्कूल जाने से नहीं रोका जाता।

 

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