संसद के पूरा मॉनसून सत्र विपक्ष के हंगामे की भेट चढ़ गया। मॉनसून सत्र (Monsoon Session) खत्म होने के बाद आज गुरुवार को सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में साझा मार्च निकाला गया। कांग्रेस द्वारा निकले गए इस मार्च में एक दर्जन से अधिक राजनीतिक दल शामिल हुए। मार्च के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में सांसदों की पिटाई का गंभीर आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा की सदन में सांसदों के साथ बदसलूकी की गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि संसद के इतिहास में पहली बार राज्यसभा (Rajyasabha) में सांसदों की पिटाई की गई। उन्होंने कहा की वर्दी में बाहर से लोगों को बुलाया गया और सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। अब बड़ा सवाल ये है की राहुल गाँधी और विपक्ष के इस बयान में कितनी सच्चाई है।
क्या है राज्यसभा में सांसदों की पिटाई का मामला?
राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की आज देश के 60 फीसदी लोगों की आवाज सरकार द्वारा दबाई जा रही है। उन्होंने कहा की आज राज्यसभा में सांसदों के साथ जोर जबरदस्ती और धक्का मुक्की की गई। राहुल गाँधी ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा की हमने सरकार से पेगासस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही और किसानों सहित महंगाई का मुद्दा उठाया ये इसी का परिणाम है।
राज्यसभा में सांसदों की पिटाई के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्यसभा में पिछले कुछ दिन से मार्शल लॉ लगाया गया था। उन्होंने कहा की ऐसा लग रहा था कि हम पाकिस्तान की सीमा पर खड़े थे। संजय राउत के अलावा राजद के राज्यसभा संसद मनोज झा, एनसीपी के प्रफ्फुल पटेल समेत अन्य कई विपक्षी दल के नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला और गंभीर आरोप लगाए।
राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई: राहुल गांधी, कांग्रेस pic.twitter.com/XB21z2qaGE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 12, 2021
राहुल गाँधी के सांसदों की पिटाई वाले बयान में कितनी सच्चाई है?
आज संसद के पूरा मॉनसून सत्र खत्म होने के बाद सभी विपक्षी दलों द्वारा राहुल गांधी की अगुवाई में केंद्र सरकार एक मार्च निकाला गया। इसी मार्च में राहुल गाँधी ने सरकार पर राज्यसभा में सांसदों की पिटाई का आरोप लगाया। अब सवाल ये उठता है की राहुल गाँधी स्वयं लोकसभा के संसद है और वे राज्यसभा में सांसदों पिटाई होने का आरोप लगा रहे है जबकि उनके ही अन्य साथी सिर्फ धक्कामुक्की का बयान दे रहे है।
आपको बता दे की यदि संसद में विपक्ष या सरकार के किसी भी सांसद या अधिकारी द्वारा संसद के मर्यादाओं का उलंघन किया जाता है तो स्पीकर द्वारा सदन में मार्शल लॉ लगाया जा सकता है जिसका जिक्र संजय राउत ने भी किया था। अब सवाल ये है की राहुल गाँधी संसद के मार्शलो द्वारा बीच बचाव को मारपीट की सक्ल क्यों देना चाहते है?
मॉनसून सत्र में विपक्ष ने संसद की सभी मर्यादाओं को तोडा!
सरकार ने आज कड़े शब्दों में विपक्ष पर प्रहार किये। सरकार की तरफ से ये आरोप लगाया गया की विपक्ष ने इस सत्र में संसद में सभी मर्यादाओं को तोड़ दिया। आपको बता दें कि इस मानसून सत्र में पेगासस और कृषि बिल सहित अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष द्वारा संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया गया जिसके चलते मॉनसून सत्र समय से पहले खत्म हो गया।