Purn Surya Grahan 2021: भारत में सूर्य ग्रहण का बहुत अधिक धार्मिक और ज्योतिष महत्व होता है। इसलिए सभी की सूतक काल और भारत में सूर्य ग्रहण लगने का सही समय क्या है जानने की इच्छा रहती है। साल 2021 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगने जा रहा है। भारतीय पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किये जाते है। यहाँ तक की पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
Purn Surya Grahan 2021
वर्ष 2021 का साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर दिन शनिवार को लगेगा। इस पूर्ण सूर्य ग्रहण को ज्योतिषाचार्यो के अनुसार काफी खास माना जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को राहु और केतु द्वारा प्रताड़ित किया जाता है इसलिए इस दिन सूर्य कमजोर हो जाता है। साल के आखिरी सूर्य ग्रहण (Purn Surya Grahan 2021) को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल है। क्या 4 दिसंबर को लगाने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा? 4 दिसंबर को लगाने सूर्य ग्रहण का सही समय क्या है? सूर्य ग्रहण को कैसे और कहां से देख सकते हैं?
भारत में सूर्य ग्रहण लगने का सही समय क्या है?
शनिवार के दिन 4 दिसंबर को लगने सूर्य ग्रहण को पूर्ण सूर्य ग्रहण माना जा रहा है। भारत में इस सूर्यग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। साल 2021 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 04 दिसंबर को अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा।
यह सूर्य ग्रहण सुबह 10:59 बजे आंशिक रूप से लग जाएगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण दोपहर 12:30 बजे से शुरू होगा और यह दोपहर 01:03 बजे लगेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण दोपहर 01:33 बजे समाप्त होगा। अंत में आंशिक सूर्य ग्रहण दोपहर 3:07 बजे समाप्त होगा।
4 दिसंबर को लगने सूर्य ग्रहण का सूतक काल
इस साल ले आखिरी सूर्य ग्रहण का सूतक काल इसके शुरू होने से 12 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जायेगा। 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण सुबह 10:59 बजे आंशिक रूप से लग जाएगा और पूर्ण ग्रहण 2:30 बजे से शुरू होगा।
सूतक काल में भूलकर भी ना करे काम!
धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किये। सूर्य ग्रहण के दौरान देश के सभी मंदिर भी बंद रहते है। आइये जानते है जानते हैं की सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल में कौन से काम भूलकर भी ना करे।
- सूतक काल दौरान कोई भी शुभ काम या नया कार्य न करें।
- सूतक काल के 12 घंटे पहले तक भोजन न पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।
- सूतक काल में भगवान की पूजा-आराधना नहीं करनी चाहिए।
- सूतक काल में तुलसी के पौधे व उसके पत्तों को नहीं छूना चाहिए।
- सूतक काल लगने पर घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।
- सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- सूतक काल में चाकू और सूई का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
पूर्ण सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा?
4 दिसम्बर को लगाने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Purn Surya Grahan 2021) भारत में इस सूर्यग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। यह ग्रहण निम्नलिखित देशो में दिखेगा।
- दक्षिण अमेरिका
- अंटार्कटिका
- ऑस्ट्रेलिया
- अटलांटिक के दक्षिणी भाग
- दक्षिण अफ्रीका
जाने ये सूर्य ग्रहण क्यों है ख़ास?
इस साल का ये अंतिम सूर्य ग्रहण का बेहद ख़ास महत्त्व है। यह ग्रहण सूर्य वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है। इस ग्रहण में सूर्य का संयोग केतु से बनने जा रहा है और साथ ही इस ग्रहण में चन्द्रमा और बुध का योग भी होगा। ज्योतिषाचार्यों की माने तो सूर्य और केतु का प्रभाव होने से दुर्घटनाओं की संभावना बन सकती है। और इसके साथ ही राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मच सकती है। वृश्चिक राशि वालो के लिए बीमारियां और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा इस ग्रहण के दौरान आकस्मिक दुर्घटना और त्रासदी जैसी स्थितियां भी बन सकती हैं।
ग्रहण के दुष्प्रभाव से कैसे बचे?
धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कई तरह के उपाय किये जाते हैं। निचे दिए गए उपायों को करने से आपकी सभी समस्याएं दूर होती हैं और राहु और केतु के बुरे प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
- सूर्य ग्रहण के दौरान मन ही मन सूर्य देव की अराधना करें
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें
- ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान करें
- ग्रहण काल में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र या मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण?
वैज्ञानिकों की मानें तो जब चंद्रमा पृथवी की परिक्रमा करने हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और गुजरते समय सूर्य व पृथ्वी के बीच में आ जाता है जिसके कारण सूर्य चंद्रमा के पीछे कुछ समय के लिए ढंक जाता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहते है। भारत में पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। और इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।