एंजियोप्लास्टी के बाद इन बातों का अवश्य ध्यान रखेंएंजियोप्लास्टी के बाद इन बातों का अवश्य ध्यान रखें

Angioplasty एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे बिना किसी बड़े ऑपरेशन या चीर फाड़ के हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है जो बंद हो हो जाती है और जिसके कारण हार्ट अटैक की समस्या उत्पन्न होती है। आजकल अधिकतर दिल का दौरा या स्ट्रोक आने पर डॉक्टर एंजियोप्लास्टी का सहारा लेते हैं.

 

Angioplasty कब कराएं?

Angioplasty क्या है?
Angioplasty क्या है?

 

हार्ट अटैक आने के एक से डेढ़ घंटे के भीतर इलाज जरूरी होता है और इस प्रक्रिया को पर्क्यूटेनियस ट्रांस्लुमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी भी कहा जाता है. कभी कभी तो डॉक्टरो को एंजियोप्लास्टी के बाद कोरोनरी आर्टरी स्टेंट भी रक्त वाहिकाओं में डालना पड़ता है। ये आर्टरी स्टेंट ब्लॉक हुई नसों में रक्त प्रवाह को फिर से सही करने का कम करता है।

अगर मरीज की एक या एक से ज्यादा नसें ब्लॉक है तो आर्टरी स्टेंट की संख्या भी बढ़ जाती है। हर एक ब्लॉक नस के लिए अलग आर्टरी स्टेंट की जरूरत पड़ती है। वैसे तो ये मरीज की हालत पर निर्भर करता है परन्तु दिल का दौरा पड़ने के बाद कम से कम एक से दो घंटे के भीतर ही मरीज की Angioplasty हो जानी ही उचित है इससे हार्ट फेलियर का खतरा उतना कम होता है और मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा हो जाती है।

 

एंजियोप्लास्टी कितने प्रकार को होती है? | Type of Angioplasty

हार्ट अटैक के इलाज में उपयोग होने वाली सबसे सफल और बिना बड़ी सर्जरी के के जाने वाली Angioplasty मुख्यतः तीन प्रकार की होती है.
1- बैलून एंजियोप्लास्टी(Balloon Angioplasty)
2-लेजर एंजियोप्लास्टी(Laser Angioplasty)
3-एथरेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी(Atherectomy Angioplasty)

बैलून एंजियोप्लास्टी(Balloon Angioplasty):

बैलून एंजियोप्लास्टी के द्वारा डॉक्टर्स बांह या जांघ के पास हल्का सा चीरा लगाकर कैथेटर नाम की एक पतली सी ट्यूब को ब्लॉक हो चुकी धमनी में डाला जाता है. ऐसा करते समय डॉक्टर एक्स-रे या वीडियो की मदद से हार्ट नलिकाओं में डाले जाने वाली ट्यूब को कंप्यूटर स्क्रीन पर देखकर मॉनिटर करते हैं. जब कैथेटर ब्लॉक हो चुकी धमनी में पहुंच जाता है उसके बाद उसे फुलाया जाता है. धमनी चौड़ी हो जोती है और मरीज का रक्त प्रवाह फिर से ठीक हो जाता है और उसका दर्द भी कम हो जाता है।

लेजर एंजियोप्लास्टी(Laser Angioplasty):

लेजर एंजियोप्लास्टी तकनीक में भी कैथेटर का प्रयोग किया जाता है पर इसमें बैलून की जगह लेजर का प्रयोग किया जाता है. Laser Angioplasty में लेजर को प्लाक तक लेकर जाते हैं और फिर बंद पड़ी धमनी को वाष्पीकृत कर खोलने के बाद आर्टरी स्टेंट को ब्लॉक हुई धमनी डाल दिया जाता है जिससे रक्त का प्रवाह पुनः शुरू हो जाता है।

एथरेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी(Atherectomy Angioplasty):

जब ब्लॉक इतना सख्त हो की बैलून एंजियोप्लास्टी और लेजर एंजियोप्लास्टी से भी न हटाया जा सके तो वहा एथरेक्टॉमी का इस्तेमाल किया जाता है

Type of Angioplasty
Type of Angioplasty

एंजियोप्लास्टी के फायदे | Benefits of angioplasty:

एक वैश्विक संस्था सोसायटी फॉर कार्डियोवस्क्यूलर एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन्स(Society for Cardiovascular Angiography and Interventions) की रिपोर्ट के अनुसार angioplasty से हार्ट अटैक के मरीज की जान तत्काल बचाई जा सकती है angioplasty बंद पड़ी या ब्लॉक हो रही धमनियों में खून के प्रवाह को फिर से दुरुस्त करने का सबसे तेज और कारगर तरीका है। इस तकनीक की मदत से इंसान की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है, जितनी जल्दी एंजियोप्लास्टी होगी, उतना ही कम हृदय की मांसपेशियों को नुकसान होगा.

 

एंजियोप्लास्टी के नुकसान | Disadvantages of angioplasty:

कुल मिलाकर angioplasty बिना जटिलताओं के एक सुरक्षित प्रक्रिया है लेकिन कोई भी तकनीक हो वह 100% सफल नहीं हो सकती उसी तरह एंजियोप्लास्टी भी कुछ जटिलताएं है। एक अनुमान अनुसार हर 100 लोगों में जटिलताओं की दर 5 है जो की काफी कम है।

angioplasty से जुडी कुछ दुर्लभ जटिलताएं हैं जिसका आपको ध्यान देने की आवस्यकता है। अगर एंजियोप्लास्टी के उपरांत आपको निम्नलिखित में से कोई भी समस्या है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर सलाह लेनी चाहिए।

1- ऑपरेशन की जगह(कमर या कलाई) अगर लंबे समय से खूनबहाना।
2- रक्त वाहिकाओं(blood vessels), गुर्दे(kidneys), या धमनियों(arteries) को नुकसान।
3-एलर्जी(allergy)
4- छाती में दर्द
5- अतालता(Arrhythmia) या असामान्य हृदय लय(abnormal heart rhythm)
6- आघात(Shock)
7 – ह्रदय घात(Heart attack)
बुजुर्ग व्यक्तियों में angioplasty से जटिलताओं का खतरा अधिक होता है, जैसा कि निम्नलिखित स्थितियों के साथ होता है:

 

एंजियोप्लास्टी के बाद इन बातों का अवश्य ध्यान रखें:

सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी होने के बाद डॉक्टर मरीज को पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह देते है. हमेसा डॉक्टर की सलाह पर मेडिकेशन लेते रहना चाहिए और अगर आप धूम्रपान के आदी हैं तो इसे तुरंत छोड़ देने में ही आपकी भलाई है. और सबसे महत्वपूर्ण है एक अच्छी और बैलेंस डाइट फॉलो करना और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना ताकि आपका कॉलेस्ट्रोल लेवल भी नियमित रहे।

 

एंजियोप्लास्टी के बाद इन बातों का अवश्य ध्यान रखें
एंजियोप्लास्टी के बाद इन बातों का अवश्य ध्यान रखें

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