Padhe Bharat Abhiyan: केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2022 से पढ़े भारत अभियान की शुरुआत की है। ये अभियान छात्रों में नई चीजें सीखने की ललक बढ़ाएगा। इस अभियान का मकसद छात्रों के सीखने के स्तर को सुधारना है। भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर पढ़े भारत अभियान के बारे में जानकारी दी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये पढ़े भारत अभियान क्या है? तो आइये जानते है पढ़े भारत अभियान की पूरी जानकारी।
पढ़े भारत अभियान क्या है?
छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार लाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार 1 जनवरी 2022 से 100 दिवसीय पुस्तक पठन अभियान ‘पढ़े भारत’ की शुरुआत की। Padhe Bharat Abhiyan का प्रमुख उद्देश्य छात्रों में चिंतन, रचनात्मकता, शब्दकोष विकाश के साथ-उनके मौखिक तथा लिखित दोनों तरह से अभिव्यक्ति की क्षमता और सीखने के स्तर को विकसित करना है। भारत के शिक्षा मंत्रालय के अनुसार एक जनवरी 2022 से शुरू होकर 10 अप्रैल 2022 तक चलने वाले इस अभियान में शिशु कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्र हिस्सा लेंगे।
Padhe Bharat Abhiyan की पूरी जानकारी!
- शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार पढ़े भारत अभियान में समूह के आधार पर प्रति सप्ताह एक क्रियाकलाप को इस तरह तैयार किया गया है कि बच्चों की पढ़ाई मनोरंजक बनी रहें और छात्र पढ़ाई का आनंद ले सकें।
- मंत्रालय के बयान के अनुसार, क्रियाकलापों को, उम्र के अनुसार Padhe Bharat Abhiyan के साप्ताहिक कैलेंडर पर एक व्यापक दिशानिर्देश तैयार कर राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है।
- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार पढ़े भारत अभियान के अंतर्गत आने वाले सभी क्रियाकलाप सरल और आनंददायक हैं। इन सभी क्रियाकलापों को घर पर उपलब्ध संसाधनों के साथ किया जा सकता है।
- मंत्रालय के अनुसार स्कूल बंद होने की स्थिति में पढ़े भारत अभियान के क्रियाकलाप को माता-पिता, साथियों और भाई-बहनों की मदद से आसानी से पूरा किया जा सकता है।
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागरिकों को नियमित रूप से पुस्तक पढ़ने के सुझाव से प्रेरित होकर मैं जीवन पर्यंत पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित करने को प्रतिबद्ध हूं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने Padhe Bharat Abhiyan पर क्या कहा?
भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर पढ़े भारत अभियान के बारे में जानकारी दी। अपने ट्वीट में प्रधान कहा कि वे हर व्यक्ति खासकर युवाओं को पुस्तक पढ़ने की आदत को अपनाने की अपील करते हैं। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कहा कि पुस्तक पढ़ना एक अच्छी आदत है और यह संज्ञानात्मक भाषा एवं सामाजिक कौशल के विकास का शानदार माध्यम है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने ट्वीट में पांच पुस्तकों की एक सूची भी जारी की जिन्हें उन्होंने पढ़ने के लिए चुना है। ये किताबे निम्नलिखित है।
- जेम्स क्लीन रचित एटोमिक हैबिट
- रस्किन बांड की अ लिटिल बुक ऑफ हैप्पीनेस
- स्वामी विवेकानंद की रिफ्लेक्शन्स
- के राधानाथ राय की चिल्का
- फकीर मोहन सेनापति की प्रायश्चित
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