jeshoreshwari kali templejeshoreshwari kali temple

jeshoreshwari kali temple: 51 शक्तिपीठों में से एक जेशेरेश्वरी काली मंदिर बंगलादेश में स्थित है। यह पश्चिम बंगाल सीमा के पास एक गांव में स्थित है। बांग्लादेश में स्थित यह जेशोरेश्वरी काली मंदिर (Jeshoreshwari Kali temple) शक्ति की देवी जेशोरेश्वरी को समर्पित है। आपको बता दे की जेशोरेश्वरी के नाम का मतलब ‘जेशोर की देवी’होता है जिसे बांग्लादेश में शक्ति की देवी के नाम से पूजा जाता है।

jeshoreshwari kali mandir को भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित सभी शक्ति पीठों में से एक माना जाता है और हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जेशोरेश्वरी काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे हिंदू धर्मस्थलों में से एक पवित्र स्थल माना जाता है।

 

जानिए कहाँ है jeshoreshwari kali temple?

जेशेरेश्वरी काली मंदिर भारत के राज्य पश्चिम बंगाल सीमा से सटे बंगलादेश के इश्वरीपुर गांव में स्थित है जो सतखीरा के श्यामनगर उप जिला में पड़ता है। बंगलादेश का यह गांव भारत के बंगाल राज्य के बिलकुल ही करीब है और यहाँ से हज़ारो की संख्या में श्रद्धालु jeshoreshwari kali mandir में पूजा अर्चना के लिए जाते है।

jeshoreshwari kali mandir
jeshoreshwari kali mandir

 

51 शक्तिपीठों में से एक जेशोरेश्वरी काली मंदिर का इतिहास

jeshoreshwari kali mandir को भगवान शिव की पत्नी माता सती के 51 पीठों में से एक माना जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार 51 शक्तिपीठ वह जगह हैं जहां सती माता के शरीर के विभिन्न अंग गिरे हुए हैं। कहा जाता है की बंगलादेश स्थित जशोरेश्वरी काली मंदिर की जगह पर ही माता सती की हथेली गिरी थी।

कैसे हुआ जशोरेश्वरी काली मंदिर का निर्माण?

विद्वानों का मत है की जहां माता सती की हथेली गिरी थी उसी जगह महाराजा प्रतापदित्य के जनरल ने इन झाड़ियों से आने वाली दिव्य प्रकाश को देखते हुए उस स्थान पर पहुंचे तो देखा की एक मानव हथेली जैसा एक नक्काशीदार पत्थर वहां पड़ा हुआ था जहां से ये प्रकाश आ रहा था। इस घटना के बाद महाराजा प्रतापदित्यने जेशेरेश्वरी काली मंदिर का निर्माण किया और देवी काली की पूजा शुरू कर दी।

jeshoreshwari kali temple की मौजूदा स्थिति?

इतिहासकारों के अनुसार लक्ष्मण सेन और प्रतापादित्य के शासनकाल के दौरान 13वीं शताब्दी में jeshoreshwari kali temple के मरम्मत का कार्य करवाया गया था। 1971 से पहले तक जशोरेश्वरी काली मंदिर में हर रोज पूजा की जाती थी लेकिन 1971 के बाद मंदिर का ढांचा जरजर हो गया है और अब तो सिर्फ वास्तविक मंदिर के पिलर ही मौजूद है। काली पूजा के दिन हर साल माता सती के इस मंदिर में आज भी एक कार्यक्रम का आयोजन होता है और मंदिर के प्रांगण में एक मेले का भी आयोजन किया जाता है।

जशोरेश्वरी काली मंदिर
जशोरेश्वरी काली मंदिर

 

क्यों सुर्खिओं है jeshoreshwari kali mandir?

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इस समय बांग्लादेश के दौरे है जहाँ वह बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरा होने पर हो रहे कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि हैं। बंगलादेश के अपने दौरे के दौरान PM Modi ने बंगलादेश में स्थित जेशोरेश्वरी काली मंदिर में पूजा अर्चना की। मोदी के बंगाल दौरे के कारण बांग्लादेश की सरकार ने jeshoreshwari kali Tempal को नए सिरे से सजाया गया है।

आज भी दुनियाभर से हज़ारों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु जशोरेश्वरी काली मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं और इस मंदिर में हर शनिवार और मंगलवार को दोपहर के समय पुजारी पूजा और अर्चना करते हैं।

 

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