बहू को बेटी से ज्यादा अधिकार: आश्रित कोटे से जुड़े एक मामले में सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस फैसले के साथ ही सरकार को आश्रित कोटे के नियमों में शीघ्र बदलाव करने को कहा है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब लाइसेंस धारी की मौत होने के बाद इस उसपर पहला अधिकार बहू का माना जाएगा उसके बाद बेटी का नंबर आएगा।
बहू को बेटी से ज्यादा अधिकार!
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आश्रित कोटे से जुड़े एक मामले में घर की बहू का बेटी से ज्यादा अधिकार होने का फैसला दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लाइसेंसी की मौत पर वारिसों को सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन मामले में पुत्र वधू चाहे वो विधवा या या सधवा उसको परिवार में शामिल करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। आपको बता दें कि पहले बहु को परिवार में शामिल नहीं किया गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि बहू को आश्रित कोटे में बेटी से बेहतर अधिकार प्राप्त है। इसलिए बहू को परिवार में शामिल किया जाए।
क्या था पूरा मामला!
हाई कोर्ट में याचिका करने वाली पुष्पा देवी ने मृतक आश्रित कोटे में दुकान के आवंटन की अर्जी दी थी। इस अर्जी यह कहते हुए निरस्त कर दिया गया कि 5 अगस्त 2019 के शासनादेश में बेटी को परिवार में शामिल किया गया है लेकिन बहू को परिवार से अलग रखा गया है। इलाहबाद हाई कोर्ट ने शासनादेश में बहू को परिवार से अलग करने को समझ से परे बताया। कोर्ट ने कहा कि बहू को आश्रित कोटे में बेटी से बेहतर अधिकार प्राप्त है। इसलिए बहू को परिवार में शामिल किया जाए।
राशन कोटा लइसेंस आश्रित मामले में कोर्ट का अहम फैसला
आश्रित कोटे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। पुष्पा देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को नया शासनादेश जारी करने अथवा शासनादेश को ही चार हफ्ते में संशोधित करने का दिया है।
यूपी पावर कॉर्पोरेशन केस में कोर्ट ने पहले ही दे रखा है बहू को बेटी से ज्यादा अधिकार!
कोर्ट ने यूपी पावर कॉर्पोरेशन केस में पूर्णपीठ के फैसले के आधार पर सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को नया शासनादेश जारी करने अथवा शासनादेश को ही चार हफ्ते में संशोधित करने का निर्देश दिया है। बहू को बेटी से ज्यादा अधिकार के इस फैसले में पूर्णपीठ ने कहा है कि बहू को आश्रित कोटे में बेटी से अधिक अधिकार है। यह फैसला इस मामले में भी लागू होगा।