गणतंत्र दिवस अब सिर्फ एक हफ्ते दूर है लेकिन भारतीय किसान यूनियन (BKU ) जो की किसान आंदोलन की मुख्य भूमिका में है के के नेता राकेश टिकैत ने ये घोषणा की है कि हम किसान प्रदर्शनकारी 26 जनवरी को लाल किले से इंडिया गेट तक मार्च निकलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और इण्डिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर तिरंगा फ़हराएँगे। इसी बीच खालिस्तानी आतंकवादियों ने पंजाब के तथाकथित किसानो को इण्डिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए करोड़ो रुपये के एलान की घोषणा की।
किसान आंदोलन में खालिस्तानी आतंकवादियों का वर्चस्व!
स्वघोषित ‘किसान’ राकेश टिकैत के इस ऐलान के ठीक दो दिन पहले ही भारत को तोड़ने वाले खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने ये घोषणा की है की भारत के गणतंत्र दिवस के मौके पर जो भी खालिस्तानी झंडा फहराएगा उसे १ करोड़ ८० लाख रुपए का इनाम दिया जायेगा।
खूंखार खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सिंघु के बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पंजाबी के किसानों को एक पत्र लिखा जिसमे उसने कहा कि यदि 26 जनवरी को इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराता है तो उसे 1.8 करोड़ रुपए का इनाम आतंकवादी संगठन Sikhs for Justice (SFJ) के द्वारा दिया जाएगा।
राजनितिक और देश विरोधी है ये किसान आंदोलन!
अगर किसान आंदोलन के पूरे मामले समझा जाये तो ये Kisan Andolan पूरी तरह राजनैतिक रंग ले चूका है और और इसमें अनेक देश विरोधी तत्व शामिल हो चुके है जो देश को तोड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। इसका सबसे तजा उदहारण है खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) जो किसान आंदोलन के पहले दिन से ही अपना उल्लू सीधा करने में लगा है। इसीलिए आपको तथाकथित इस किसान आंदोलन में खालिस्तानी झंडे, देश के टुकड़े करने वाले स्लोगन, पाकिस्तान की प्रशंसा के वीडियो सब दिख जायेंगे मगर सिर्फ और सिर्फ एक चीज नहीं दिखेगी वो है “देश प्रेम”।
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