स्टूडेंट प्रदर्शन के नाम पर कुछ दिनों से पूरे देश में देश विरोधी तत्वों ने उत्पात मचा रखा है। अगर आप इन प्रदर्शनों को गहराई में जायेंगे तो आपको चलेगा की इन प्रदर्शनों में स्टूडेंट्स की नाम मात्र की हिसेदारी है और ये विरोध पूरी तरह से प्रायोजित है तथा देश की कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालय में जहा वामपंथीओ की पकड़ है वही से इन देश विरोधी प्रदर्शनों का जन्म होता है।

छात्रों के प्रदर्शन में कश्मीर की आजादी के नारे क्यों ?

मुंबई के गेटवे ऑफ़ इंडिया के बाद आज दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र प्रदर्शन के नाम पर बामपंथिओं द्वारा कश्मीर की आजादी के नारे लगाए गए और साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द लिखे गए।
यहां समझने की बात ये है की इन वामपंथीओ के हर विरोध प्रदर्शन में चाहे वो इनके छात्र संगठनो द्वारा आयोजित हो चाहे इनकी पार्टिओं द्वारा हर बार देश विरोधी गतिबिधियाँ क्यों होती है, क्यों कश्मीर की आजादी और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं, क्यों आतंकवादिओं की बरसी मानकर आतंकवाद का समर्थन किया जाता है, क्यों भारत के टुकड़े करने की बात की जाती है ? ये देश के हर नागरिक को समझना पडेगा जिसे इस देश से प्यार है और समय समय पर इन देश विरोधी गतिविधिओं का जबाब भी देना पड़ेगा।

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