कश्मीरी पंडितों को घाटी से जबरदस्ती मारकर बेदखल किये हुए तीस वर्ष पुरे हो गए लेकिन आज भी लगभग सभी मीडिया संसथान, तथाकथित सेकुलरों, बॉलीबुड में बैठे अधिकतर लोगों के जुबान पर ताले लगे हुए हैं। कोई एक शब्द उनके समर्थन में बोलने को तैयार नहीं है ! हर बड़ी छोटी बात पे ट्वीट करने वाले बॉलीबुड वाले ,बड़े बड़े बुद्धीजीविओं को कश्मीरी पंडितो के नाम पर जैसे सांप सूंघ जाता है और कुल मिलाकर यही समझ में आता है की इनका सेक्युलिरिजम एक सेलेक्टिव सेक्युलरिज़्म है !
शाहीन बाग पहुंचे कश्मीरी पंडितों के साथ हुई मारामारी !
कल शाम कुछ कश्मीरी पंडित अपने बिस्थापन के तीस वर्ष होने पर अपने पुनः कश्मीर में बसाये जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे उनका जुलूस धीरे धीरे शाहीन बाग़ की तरफ बढ़ गया जहा जहा उनके साथ मारपीट की गई ! CAA के विरोध के नाम पर एक समुदाय विशेष के लोगो ने सडकों को पिकनिक का अड्डा बना रखा है। कश्मीरी पंडितो का जुलुश शाहीन बाग़ पहुंचते ही CAA विरोधिओं ने कश्मीरी पंडितों के साथ हाथापाई शुरू कर दी और उन्हें वहां से भागने लगे।
इससे एक बात साफ़ हो जाती है की विरोध प्रदर्शन का अधिकार सिर्फ और सिर्फ कुछ इन CAA के विरोध करने वालों के पास ही है बाकी कोई भी वहा प्रदर्शन नहीं कर सकता अगर करेगा तो उसे ये शांतिप्रिय प्रदर्सन करने वाले नहीं छोड़ेंगे क्योकि इन्हिने तो संबिधान बचाने का ठेका ले रखा हैं।